अब घर बैठे कर सकेंगे प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, उत्तराखंड में एक अप्रैल से लागू होगी नई प्रणाली..
उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में परिसंपत्तियों की खरीद-बिक्री को पारदर्शी और आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य में एक अप्रैल 2026 से भूमि और अन्य परिसंपत्तियों की वर्चुअल रजिस्ट्रेशन प्रणाली लागू की जाएगी। इस नई व्यवस्था के तहत नागरिक बिना किसी दस्तावेज यानी पेपरलेस प्रक्रिया के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कार्यालय में उपस्थित होकर या पूरी तरह ऑनलाइन माध्यम से संपत्ति का रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में मंगलवार को इस परियोजना की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को निर्धारित समयसीमा में पूर्ण किया जाए और सभी संबंधित विभागों, निकायों तथा हितधारकों के बीच प्रभावी समन्वय सुनिश्चित किया जाए। सीएस बर्द्धन ने कहा कि इस परियोजना के लागू होने से न केवल भूमि खरीद-बिक्री में पारदर्शिता आएगी, बल्कि विभिन्न विभागों और एजेंसियों के बीच सटीक भूमि अभिलेखों का आदान-प्रदान भी आसान होगा। इससे भूमि विवादों में उल्लेखनीय कमी आने की संभावना है।
अधिकारियों ने बैठक में बताया कि वर्चुअल रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक एप्लीकेशन तैयार की जा चुकी है। बताया गया कि इस एप्लीकेशन अथवा पोर्टल में तीन तरह के विकल्प उपलब्ध रहेंगे। पहले विकल्प में भौतिक रूप से रजिस्ट्रार कार्यालय में उपस्थित होना होगा। दूसरे विकल्प में रजिस्ट्रेशन कार्यालय में बिना किसी दस्तावेज़ के (पेपरलेस) उपस्थित होकर रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा। तीसरे विकल्प के अंतर्गत बिना किसी मध्यस्थ के वर्चुअल (आनलाइन) माध्यम से भूमि की रजिस्ट्री की जा सकेगी। बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव सोनिका व आलोक कुमार पांडेय, सहायक महानिरीक्षक निबंधक अतुल शर्मा, उपसचिव सुनील सिंह उपस्थित थे। अब प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार इसमें कुछ संशोधन किए जाएंगे। इसके बाद परियोजना के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर विकास हेतु टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। इस नई पहल से उत्तराखंड डिजिटल शासन की दिशा में एक और मजबूत कदम बढ़ा रहा है, जिससे आम नागरिकों को सुविधाजनक, पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त भूमि लेनदेन प्रणाली का लाभ मिलेगा।
