उत्तराखंड स्थापना दिवस पर सांस्कृतिक धमक, ‘निनाद’ उत्सव में झलकेगी लोक और शास्त्रीय परंपरा..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में इस बार राज्य स्थापना दिवस खास अंदाज़ में मनाया जाएगा। प्रदेश भर में संस्कृति, कला और संगीत की गूंज सुनाई देगी। संस्कृत विभाग की ओर से 1 नवंबर से 9 नवंबर तक ‘निनाद – हिमालय कला, संगीत एवं संस्कृति उत्सव’ का भव्य आयोजन किया जाएगा। देहरादून में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में संस्कृत विभाग के सचिव युगल किशोर पंत ने बताया कि नौ दिवसीय इस उत्सव में प्रतिदिन तीन सत्रों का आयोजन होगा। हर सत्र में उत्तराखंड की लोक-संस्कृति, शास्त्रीय संगीत, नाट्य मंचन और सांस्कृतिक परिचर्चाओं का संगम देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य राज्य की लोक परंपराओं और समृद्ध विरासत को नई पीढ़ी तक पहुँचाना है। उत्सव में प्रदेश के साथ-साथ देशभर से प्रसिद्ध कलाकार, लोकगायक और नाट्य दल भाग लेंगे। ‘निनाद’ उत्सव में उत्तराखंड की पारंपरिक लोककलाओं-झोड़ा, छपेली, थड़िया, चांचरी जैसे नृत्यों से लेकर शास्त्रीय संगीत और रंगमंच की विविध झलकियाँ पेश की जाएंगी। इसके साथ ही हिमालयी कला, लोक संगीत, वाद्य यंत्रों और लोककथाओं पर परिचर्चा सत्र भी होंगे। 1 नवंबर से शुरू होकर यह सांस्कृतिक यात्रा 9 नवंबर तक चलेगी, जो उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर भव्य समापन के साथ समाप्त होगी। राज्यभर के विद्यालयों, महाविद्यालयों और सांस्कृतिक संस्थानों को भी इस आयोजन से जोड़ा जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग अपनी परंपरा से जुड़ सकें।
जानिए कब-कब क्या होगा खास
1 नवंबर को कार्यक्रम का शुभारंभ लोक नृत्य प्रस्तुति से होगा। इस दिन भातखंडे हिंदुस्तानी संगीत महाविद्यालय पौड़ी के छात्र सांस्कृतिक प्रस्तुति देंगे, वहीं रामेश्वरी भट्ट जागर गायन पेश करेंगी। दिन का खास आकर्षण रहेगा पद्मश्री सुरेश वाडेकर का संगीत कार्यक्रम।
2 नवंबर को हिमाचल का प्रसिद्ध नाटी नृत्य, आर्य नंदा का ओडिसी नृत्य और नरेंद्र सिंह नेगी की लोक गायन प्रस्तुति माहौल को उत्तराखंडी रंग में रंग देगी। इसके अलावा ‘उत्तराखंड में सिनेमा’ विषय पर पैनल डिस्कशन भी होगा।
पंडवाज बैंड भी बिखेरगा जादू
3 और 4 नवंबर को जनजातीय लोकनृत्य, तिब्बती और असमिया नृत्य, साथ ही पं. विश्व मोहन भट्ट की मोहन वीणा और पं. हरीश गंगानी की कथक जुगलबंदी दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेगी।
5 नवंबर को मालिनी अवस्थी और संतूर वादक पं. राहुल शर्मा की प्रस्तुति उत्सव में विशेष आकर्षण रहेगी। वहीं 6 नवंबर को ‘नंदा राजजात’ पर परिचर्चा और विभिन्न संस्थानों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
7 से 9 नवंबर तक के कार्यक्रमों में उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, भूटान और हिमालयी क्षेत्रों की सांस्कृतिक झलक देखने को मिलेगी। पंडवाज बैंड, डॉ सोनल मानसिंह और पं. रितेश-रजनीश मिश्रा जैसे कलाकार मंच को अपने संगीत से सराबोर करेंगे।
