उत्तराखंड की शिल्पी अरोड़ा बनीं KRIBHCO की पहली महिला निदेशक, सहकारिता जगत में रचा इतिहास..
उत्तराखंड: उत्तराखंड की जानी-मानी सहकारिता नेता शिल्पी अरोड़ा को हाल ही में कृभको (Krishak Bharati Cooperative Limited) के निदेशक मंडल में निर्वाचित किया गया है। यह उपलब्धि न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे उत्तराखंड राज्य के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि वे इस संस्थान में निदेशक बनने वाली पहली महिला हैं। कृभको, जो देश की अग्रणी बहु-राज्य सहकारी संस्था है, किसानों की सेवा में खाद, बीज, कृषि उत्पादों और अन्य सहकारी गतिविधियों के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। कृभको का निदेशक मंडल 11 सदस्यों से मिलकर बनता है, जिनमें से प्रत्येक सदस्य देशभर से चुना जाता है। इस संस्था का उद्देश्य किसानों को सशक्त बनाना और उनकी विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करना है, जिससे वह किसानों और सहकारिता के क्षेत्र में एक सशक्त आवाज़ बनकर उभरी है। शिल्पी अरोड़ा के इस ऐतिहासिक चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए, कृषि और सहकारिता क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता की सराहना की है। पिछले 20 वर्षों से शिल्पी अरोड़ा किसानों और महिलाओं के कल्याण के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं और उनकी इस नई जिम्मेदारी के बाद उनके प्रयासों को और भी बल मिलेगा।
उत्तराखंड के लिए यह गर्व की बात है कि राज्य से पहली बार कोई महिला कृभको के निदेशक मंडल में चुनी गई हैं, जो न केवल महिला सशक्तिकरण के प्रतीक हैं, बल्कि उनके नेतृत्व में क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर सहकारिता के क्षेत्र में नई दिशा देखने को मिल सकती है। शिल्पी अरोड़ा का कहना है कि कृभको के निदेशक मंडल में उनके निर्वाचित होने से उन्हें किसानों की समस्याओं को और अधिक प्रभावी तरीके से उठाने का अवसर मिलेगा। साथ ही, वे महिला किसानों को प्रोत्साहित करने और उनकी स्थिति में सुधार लाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाएंगी। शिल्पी का यह कदम सहकारिता की दुनिया में एक नई दिशा की ओर इशारा करता है, जहां महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से सहकारिता के क्षेत्र में और अधिक बदलाव आ सकता है। उनके नेतृत्व में, कृभको के कार्यक्रमों का दायरा और भी विस्तृत होने की संभावना है, जिससे किसानों को बेहतर सेवा मिल सके और देशभर में सहकारी संस्थाओं की ताकत को महसूस किया जा सके।
किसान आंदोलन के दौरान गाजीपुर बॉर्डर पर थी सक्रिय
शिल्पी अरोड़ा ने अपने नेतृत्व कौशल का परिचय किसान आंदोलन के दौरान भी दिया। वे गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के संघर्ष के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी रही थीं और उन्होंने न केवल किसानों की आवाज़ को बुलंद किया, बल्कि कृभको और नेफेड (NAFED) जैसे बड़े सहकारी संस्थाओं के जरिए किसानों के हित में लगातार काम किया। शिल्पी ने इस आंदोलन में किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी भूमिका निभाई और उनके जीवन को सुधारने के लिए जरूरी उपायों को भी सामने रखा। इसके अलावा शिल्पी अरोड़ा FICCI FLO (फिक्की महिला उद्यमी मंच) उत्तराखंड की संस्थापक चेयरपर्सन के रूप में भी महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए प्रोत्साहित करती रही हैं। उनके नेतृत्व में उत्तराखंड में कई महिला उद्यमियों ने अपनी पहचान बनाई और समाज में बदलाव लाने की दिशा में कदम बढ़ाया। शिल्पी, पंजाबी महिला महासभा की प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी महिलाओं की अहम भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों, उनके उत्थान और समाज में उनकी स्थिति को मजबूत करने के लिए कई पहल की हैं।
कृभको के निदेशक मंडल में शिल्पी अरोड़ा का चुनाव, सहकारिता के क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता और कार्यों को मान्यता देने वाला कदम है। उनका कहना है कि कृभको के निदेशक मंडल में उन्हें किसानों की समस्याओं को और प्रभावी ढंग से हल करने का एक बेहतरीन अवसर मिलेगा। साथ ही, वे महिलाओं के लिए और भी बेहतर योजनाओं का प्रस्ताव रखेंगी, ताकि कृषि क्षेत्र में महिला किसानों की भागीदारी बढ़ सके और उनकी स्थिति में सुधार हो सके। शिल्पी अरोड़ा का कहना है कि वे देशभर के किसानों को सहकारी संस्थाओं के माध्यम से और अधिक सशक्त बनाने के लिए काम करेंगी, और अपने अनुभवों से उन्हें एक नई दिशा देने की कोशिश करेंगी। उनके नेतृत्व में कृभको के कार्यक्रमों का दायरा बढ़ेगा और सहकारिता का भविष्य और भी उज्जवल होगा। शिल्पी अरोड़ा के इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि जब महिलाओं को सही अवसर मिलता है, तो वे न केवल समाज में बदलाव लाती हैं, बल्कि सहकारिता के क्षेत्र में भी नए आयाम स्थापित करती हैं।