उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती, 300 चिकित्सकों की भर्ती जल्द, दूरस्थ क्षेत्रों पर फोकस..
उत्तराखंड: प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर और सुदृढ़ बनाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा है कि विभाग में 300 रिक्त चिकित्सक पदों को जल्द ही भरा जाएगा। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड (UKMSSB) को अधियाचन भेजने और रोस्टर तैयार करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता राज्य के सुदूरवर्ती और पर्वतीय क्षेत्रों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना है। इन क्षेत्रों में अक्सर डॉक्टरों की कमी के कारण लोगों को उपचार में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
नई भर्तियों के बाद इन इलाकों की स्थिति में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा। डॉ. रावत ने जानकारी दी कि हाल ही में 220 चिकित्सकों की भर्ती पूरी की गई है और उन्हें राज्य के पर्वतीय व दूरस्थ स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात किया गया है। इससे स्थानीय लोगों को नजदीक ही स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी शुरू हुई हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का विजन हर नागरिक को बेहतर इलाज और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इसी दिशा में लगातार भर्ती प्रक्रियाएं चलाई जा रही हैं और अस्पतालों के बुनियादी ढांचे को भी मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि चिकित्सकों की यह भर्ती पारदर्शी और समयबद्ध प्रक्रिया के तहत की जाएगी। इसके लिए चयन बोर्ड को निर्देश दिए गए हैं कि पूरी प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा कर नए चिकित्सकों की नियुक्ति की जाए।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना हैं कि विभाग में 300 नए चिकित्सकों की भर्ती जल्द की जाएगी। इसके लिए चयन प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। नए चिकित्सकों की तैनाती विशेषकर ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों में की जाएगी, जिससे वहां स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत किया जा सके। इसी बीच विभाग ने अपनी जिम्मेदारियों से लापरवाह रहे चिकित्सकों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। डॉ. रावत ने जानकारी दी कि लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे 56 बांडधारी चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इसके साथ ही इनसे मेडिकल कॉलेजों को अनुबंध के अनुसार बांड की धनराशि वसूलने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। मंत्री ने कहा कि लापरवाह और गैरजिम्मेदार चिकित्सकों के भरोसे स्वास्थ्य तंत्र नहीं छोड़ा जा सकता। सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को समय पर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हों। बता दे कि हाल ही में 220 डॉक्टरों की भर्ती की गई थी और उन्हें दूरस्थ स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात किया गया है। अब नए 300 पदों पर भर्ती होने से ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक सुदृढ़ होंगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि बीते माह विभाग ने 234 बांडधारी चिकित्सकों को नोटिस जारी किया था। इनमें से 178 चिकित्सकों ने पुनः ज्वाइन कर लिया है, जबकि 56 डॉक्टरों ने अंतिम चेतावनी को भी अनदेखा किया। नतीजतन इन सभी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। डॉ. रावत ने कहा कि उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में छात्रों को कम शुल्क पर एमबीबीएस की पढ़ाई कराई जाती है। इसके लिए उनसे अनुबंधनामा लिया जाता है कि पासआउट होने के बाद उन्हें कम से कम पांच साल तक पर्वतीय जिलों में सेवा देनी अनिवार्य होगी। लेकिन 56 डॉक्टरों ने इस नियम का पालन नहीं किया। अब उनसे बांड की धनराशि वसूली जाएगी। यदि कोई चिकित्सक सेवा देने से इंकार करता है तो उसे अनुबंध में निर्धारित बांड राशि विभाग को जमा करनी होती है। इसी के आधार पर विभाग अब बर्खास्त चिकित्सकों से बांड की राशि वसूल करेगा। मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य सभी नागरिकों को निकटतम अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण उपचार उपलब्ध कराना है और इसके लिए नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।