मसूरी को जलभराव और भूधंसाव से मिलेगी राहत, सिंचाई विभाग ने तैयार किया 245 करोड़ का ड्रेनेज प्लान

मसूरी को जलभराव और भूधंसाव से मिलेगी राहत, सिंचाई विभाग ने तैयार किया 245 करोड़ का ड्रेनेज प्लान..

 

 

उत्तराखंड: मसूरी शहर में हर साल भारी बारिश के कारण जलभराव और भूधंसाव की समस्या से निपटने के लिए अब सिंचाई विभाग ने 22 किलोमीटर लंबा ड्रेनेज प्लान तैयार कर लिया है। इस महत्वाकांक्षी योजना पर लगभग ₹245.97 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। विभाग ने इसका विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) तैयार कर लिया है, जो वर्तमान में परीक्षण की प्रक्रिया में है। मसूरी में हर वर्ष लगभग 1600 मिमी औसत वर्षा होती है, जिससे कई इलाकों में भारी जलभराव, भूस्खलन और सड़कें क्षतिग्रस्त होने की घटनाएं सामने आती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए यह समग्र ड्रेनेज सिस्टम तैयार किया गया है।सिंचाई विभाग ने मसूरी के 11 वार्डों को सात जोन में विभाजित कर यह योजना बनाई है। इसका उद्देश्य बारिश के पानी को संगठित तरीके से निकासी देना, प्राकृतिक बहाव को दिशा देना और शहरी इलाकों में सुरक्षा बनाए रखना है। डीपीआर के परीक्षण के बाद इसे राज्य सरकार और संबंधित वित्तीय एजेंसियों को भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलने पर मसूरी में ड्रेनेज नेटवर्क का कार्य चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा। यदि यह योजना समयबद्ध तरीके से लागू होती है, तो मसूरी जैसे पर्यटन नगरी को जलभराव और भूधंसाव की perennial समस्या से राहत मिल सकती है, और शहर की बुनियादी संरचना को मजबूती भी मिलेगी।

 

इसके तहत 50 क्रास ड्रेनेज, आरसीसी ड्रेनेज, ओपन ड्रेनेज समेत अन्य सिस्टम को तैयार किया जाएगा। इनको सात स्टार्म ड्रेनेज आउटफाॅल से जोड़ना होगा। ये आउटफाॅल किसी गदेरे आदि से जुड़े होंगे, जिससे बरसात का पानी बाहर निकल जाए। प्रस्तावित सात आउटफॉल्स को प्राकृतिक गदेरों या जल निकासी स्रोतों से जोड़ा जाएगा, जिससे बरसात के पानी को बिना रुकावट के बाहर निकाला जा सकेगा। इससे न केवल सड़कों पर जलभराव रोका जा सकेगा, बल्कि भूधंसाव की आशंका भी कम होगी। मसूरी में हर साल औसतन 1600 मिमी बारिश होती है। पहाड़ी ढलानों पर बसी यह शहर वर्षा के दौरान अक्सर भूस्खलन, सड़क टूटने और घरों में पानी भरने जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करता है। इस ड्रेनेज प्रोजेक्ट के ज़रिये शहर में संगठित जल निकासी तंत्र विकसित किया जाएगा।