अवैध शराब के खिलाफ महिला मोर्चा, स्पेशल-98 को फील्ड में उतारेगा आबकारी विभाग..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में अवैध शराब के धंधे में महिलाओं की बढ़ती संलिप्तता को देखते हुए आबकारी विभाग ने एक नई रणनीति के तहत ‘स्पेशल-98’ महिला कर्मियों को फील्ड में उतारने का निर्णय लिया है। ‘स्पेशल-98’ नाम से पहचानी जा रही ये नव नियुक्त 98 युवा महिलाएं हाल ही में आबकारी विभाग से जुड़ी हैं। महिला आयुक्त अनुराधा पाल ने इन युवतियों की काबिलियत, ऊर्जा और समर्पण पर भरोसा जताते हुए उन्हें शुरुआत से ही फील्ड ड्यूटी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। यह पहला अवसर है जब आबकारी विभाग ने संगठित रूप से महिला शक्ति को फील्ड ऑपरेशन में इस स्तर पर शामिल किया है। इन युवतियों को खास तौर पर सर्च ऑपरेशन, छापेमारी और निगरानी जैसे कार्यों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। विभाग का मानना है कि जहां अवैध कारोबार में महिलाएं संलिप्त हो रही हैं, वहां महिला अधिकारियों की तैनाती अधिक प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित कर सकेगी। यह कदम कानून लागू करने वाली एजेंसियों में लैंगिक सशक्तिकरण और संतुलन की दिशा में भी एक सराहनीय पहल माना जा रहा है। आबकारी विभाग जल्द ही इन महिला अधिकारियों को प्रदेशभर में संवेदनशील और चिन्हित क्षेत्रों में तैनात करेगा, ताकि अवैध शराब के नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जा सके।
राज्य में पंचायत चुनावों के बीच अवैध शराब की तस्करी बढ़ने की आशंका को देखते हुए आबकारी विभाग ने बड़ी रणनीतिक पहल करते हुए नवनियुक्त महिला कर्मियों को संवेदनशील चेक पोस्टों पर तैनात किया है। यह पहली बार है जब विभाग में इतनी बड़ी संख्या में एक साथ महिला सिपाहियों की नियुक्ति हुई है। 97 सिपाही पदों में से 84 पर युवतियों ने सफलता हासिल की है, जबकि केवल 13 युवक चयनित हुए हैं। इसके साथ ही14 महिला उप निरीक्षकों की भी नियुक्ति की गई है। महिला आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने कहा कि इन महिला कर्मियों को सख्त प्रशिक्षण के साथ फील्ड ड्यूटी सौंपी जा रही है। यह कदम न सिर्फ अवैध व्यापार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई को मजबूती देगा, बल्कि महिला सशक्तिकरण की मिसाल भी पेश करेगा। पंचायत चुनावों के दौरान यह तैनाती इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि चुनावों में अवैध शराब के वितरण की आमदनी और प्रभाव बढ़ने की आशंका अधिक रहती है। ऐसे में महिला कर्मियों की सतर्क मौजूदगी से निगरानी और प्रभावी कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।
इससे पहले तक विभाग के पास उप निरीक्षक व सिपाही पद पर सिर्फ 35 महिला कर्मी थीं। अब उन्हें मिलाकर महिला बेड़ा 130 के आसपास हो गया। नई नियुक्तियों से आबकारी विभाग नारी शक्ति से लैस है। विभाग को उम्मीद है कि इनके जरिये अवैध शराब का धंधा करने वालों की नकेल कसने में बड़ी मदद मिलेगी। विशेष रूप से महिलाओं से जुड़े मामलों में तलाशी अभियान और पूछताछ बेहतर ढंग से हो पाएगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार, अब से पहले दुर्गम और संवेदनशील इलाकों में महिला सिपाहियों को भेजने से गुरेज किया जाता था, लेकिन नई नियुक्तियों के बाद दुर्गम क्षेत्रों में भी महिला सिपाहियों को तैनात किया गया है। सभी युवतियां नई उम्र में जोश से लबरेज हैं। उस बैरियर को तोड़कर आईं हैं जिसमें माना जाता था कि आबकारी में महिलाओं का क्या काम है। सभी नई उप निरीक्षक और सिपाहियों को शुरुआत में प्रवर्तन कार्यों के तहत चेक पोस्ट पर तैनात किया गया है। इनकी नियुक्ति से सूचना तंत्र भी बेहतर होगा, क्योंकि अवैध शराब के धंधे में महिला अभियुक्त भी पकड़ी जा रही हैं। शुरुआती पोस्टिंग होने की वजह से यह ध्यान रखा गया है कि उनकी ड्यूटी का स्थान घर से अधिक दूर न हो।