केदारनाथ हादसे के बाद आर्यन एविएशन की चारधाम सेवा निलंबित, DGCA ने शुरू की जांच…

उत्तराखंड में केदारनाथ घाटी में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद नागर विमानन मंत्रालय ने आर्यन एविएशन की चारधाम यात्रा सेवा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। हादसे के वक्त हेलिकॉप्टर में पांच यात्री, एक शिशु और चालक दल का एक सदस्य सवार था। प्रारंभिक जांच से संकेत मिलते हैं कि यह दुर्घटना ‘कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन’ (CFIT) यानी खराब दृश्यता और बादलों के बीच दुर्गम भूभाग में उड़ान का मामला हो सकता है। इस हादसे की विस्तृत जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जा रही है।

मंत्रालय ने यह भी बताया कि मेसर्स ट्रांसभारत एविएशन के दो हेलिकॉप्टरों को भी खराब मौसम के बावजूद उड़ान भरते हुए पाया गया। इसके चलते पायलट कैप्टन योगेश ग्रेवाल और कैप्टन जितेंद्र हरजाई के लाइसेंस छह महीने के लिए निलंबित कर दिए गए हैं।

उड़ान सुरक्षा पर बड़ा एक्शन, निगरानी होगी सख्त
हादसे के तुरंत बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें नागर विमानन सचिव, डीजीसीए और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में हेलीकॉप्टर संचालन की सुरक्षा व्यवस्था पर गहन समीक्षा की गई और यूसीएडीए (उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण) को निर्देश दिया गया कि सेवा पुनः शुरू करने से पहले सभी ऑपरेटरों और पायलटों की समीक्षा की जाए।

नागर विमानन मंत्रालय ने डीजीसीए को निर्देश दिया है कि वह केदारनाथ घाटी में हेलिकॉप्टर संचालन की निरंतर निगरानी करे, और यूसीएडीए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के संचालन की भी समीक्षा की जाए। मंत्रालय ने साफ किया कि हवाई सुरक्षा में किसी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं होगा और सभी ऑपरेटरों को मौसम एवं सुरक्षा प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करना अनिवार्य होगा।

DGCA करेगा विस्तृत जांच
यूसीएडीए की सीईओ सोनिका ने बताया कि दुर्घटना की सूचना डीजीसीए को दे दी गई है, और पूरा मामला अब डीजीसीए द्वारा जांच के दायरे में है। DGCA ने आर्यन एविएशन का संचालन रोकते हुए पायलटों के लाइसेंस निलंबन का फैसला लिया है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।