भूमि फर्जीवाड़ा रोकने के लिए उत्तराखंड का पहला डेडिकेटेड ई-कियोस्क ‘सचेतक’ शुरू..

भूमि फर्जीवाड़ा रोकने के लिए उत्तराखंड का पहला डेडिकेटेड ई-कियोस्क ‘सचेतक’ शुरू..

 

 

उत्तराखंड: भूमि खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता लाने और आमजन को फर्जीवाड़े से बचाने के लिए उत्तराखंड का प्रथम डेडिकेटेड ई-कम्प्यूटर कियोस्क लॉन्च किया गया है। बुधवार को देहरादून कलेक्ट्रेट परिसर स्थित रजिस्ट्री ऑफिस के पास बने इस ई-कियोस्क ‘सचेतक’ का उद्घाटन जिलाधिकारी ने किया। अब नागरिक निशुल्क और प्रमाणिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस कियोस्क के जरिए भूमि खरीदने-बेचने से पहले लोग खतौनी, चौहदवी, जियो लोकेशन और भूमि के वास्तविक स्वामी की जांच कर सकेंगे। इससे फर्जी दस्तावेजों से होने वाले धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी और संपत्ति लेन-देन अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनेगा।

बता दे कि जनता दरबार बहुउद्देशीय शिविर और अन्य माध्यमों से भूमि धोखाधड़ी की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए यह पहल की गई है। अधिकांश मामलों में खरीदारों को भूमि के असली मालिक की जानकारी नहीं होती, जिससे वे ठगी का शिकार हो जाते हैं। राज्य सरकार ने पहले से परिसंपत्तियों के रिकॉर्ड के लिए एक पोर्टल विकसित किया है, जिसमें भूमि से जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध रहती है। अब ‘सचेतक’ ई-कियोस्क की मदद से भूमि स्वामित्व की निशुल्क और प्रमाणिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, जिससे धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी।

अभी तक कई आम नागरिकों को ई-रजिस्ट्रेशन पोर्टल तक पहुंचने के लिए जरूरी संसाधन और सुविधाएं नहीं मिल पाती थीं। इस समस्या को हल करने के लिए रजिस्ट्रार और स्टाफ रजिस्ट्रेशन अधिकारियों के साथ समीक्षा की गई, जिसके बाद यह विशेष कियोस्क तैयार किया गया। अब भूमि रजिस्ट्री के लिए रजिस्ट्रार ऑफिस जाने से पहले खरीदार नि:शुल्क इस कियोस्क पर भूमि की पुष्टि कर सकते हैं। इससे वे खतौनी, चौहदवी, जियो लोकेशन और स्वामित्व की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे और किसी भी फर्जीवाड़े से बचाव कर सकेंगे।

देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल का कहना हैं कि कियोस्क से भूमि धोखाधड़ी संबंधी समस्याओं पर अंकुश लगेगा। इस ई-कियोस्क का नाम सचेतक रखा गया है। ‘सचेतक’ ई-कियोस्क के नाम से इसे जनहित में लॉन्च किया गया है। अब संपत्ति खरादने वाली आमजनता को धोखाधड़ी से बचाया जा सकेगा। इसका मकसद राजस्व बढ़ाना ही नहीं, बल्कि जनता को धोखाधड़ी से बचाना भी है। और ये विभाग की जिम्मेदारी है। डीएम सविन बंसल का कहना हैं कि जनता को जागरूक करने के लिए कलेक्ट्रेट में अलग-अलग स्थानों पर जागरूकता स्लोगन वाले फ्लैक्सी भी लगाए गए हैं। इससे जनता भूमि खरीदने बेचने से पहले जानकारी प्राप्त कर सकती है।