उत्तराखंड के भारत-चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र में स्थित माणा कैंप के पास शुक्रवार को भीषण हिमस्खलन हुआ, जिसमें 55 मजदूर दब गए। अब तक 47 मजदूरों को सेना और आईटीबीपी के जवानों ने सुरक्षित बचा लिया है, जबकि 8 मजदूरों की तलाश जारी है। बचाए गए मजदूरों में से तीन घायल हुए हैं, जिन्हें उपचार के लिए भेजा गया है।
बर्फबारी से रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही दिक्कतें
भारी बर्फबारी के कारण रेस्क्यू अभियान बाधित हो रहा है। शाम तक राहत अभियान जारी रहा, लेकिन तेज बर्फबारी और 8 फीट तक जमी बर्फ के कारण बचाव कार्य रोकना पड़ा। मौसम साफ होने के बाद शनिवार सुबह फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।
रेस्क्यू में जुटे सेना, आईटीबीपी और आपदा प्रबंधन की टीमें
घटनास्थल पर बचाव कार्य के लिए गढ़वाल स्काउट, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें भेजी गई हैं। वहीं, बदरीनाथ हाईवे पर लामबगड़ के पास एक फीट तक बर्फ जमी होने से वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है, जिससे राहत दल पैदल घटनास्थल तक पहुंच रहे हैं।
बर्फबारी जारी, पहुंचने में हो रही कठिनाई
बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ, औली और माणा घाटी में तीन दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है, जिससे ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फ जमा हो गई है।
सीएम धामी ने की मजदूरों के सुरक्षित होने की प्रार्थना
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे को लेकर दुख व्यक्त किया और कहा कि ITBP, BRO और अन्य बचाव दल राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। उन्होंने मजदूरों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की और प्रशासन को हरसंभव सहायता देने के निर्देश दिए।
2021 की रैणी आपदा की दिलाई याद
चमोली में हुई इस हिमस्खलन की घटना ने 2021 में रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा की याद दिला दी। तब ऋषिगंगा में आई बाढ़ के कारण 206 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग अब भी लापता हैं।
डीएम ने की रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि भारी बर्फबारी के चलते ITBP ने फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया है और जवान वापस अपने कैंप लौट गए हैं। उन्होंने कहा कि मौसम सामान्य होते ही रेस्क्यू अभियान फिर से तेज किया जाएगा।
हाईवे बर्फ से ढका, बचाव दल पैदल रवाना
चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि बदरीनाथ हाईवे पर बर्फ हटाने के लिए BRO की जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं। लेकिन कोहरे और भारी बर्फबारी के कारण बचाव कार्य बाधित हो रहा है। ऐसे में रेस्क्यू टीमें पैदल ही माणा गांव की ओर रवाना हो गई हैं। सरकार और प्रशासन तेजी से राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं, और आशा की जा रही है कि जल्द ही सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।