घर का सपना होगा पूरा, अब पांच लाख वार्षिक आय वालों को भी मिलेंगे सस्ते आवास..
उत्तराखंड: राज्य में अब गरीबों के साथ कम और कम मध्यम आय वर्ग के लोगों के घर का सपना सरकार पूरा करेगी। इसके लिए बुधवार को धामी कैबिनेट ने राज्य की नई आवास नीति को मंजूरी दे दी। वहीं, अब सभी मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में भी इलाज के लिए 20 रुपये में ओपीडी की पर्ची बनेगी। कैबिनेट ने यूजर चार्ज की समान दरें लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सरकार की कैबिनेट बैठक हुई। बैठक में 22 प्रस्तावों पर मुहर लगी। कैबिनेट में मंजूर उत्तराखंड आवास नीति नियमावली-2024 के तहत आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस) लाभार्थियों की पात्रता के लिए सालाना आय की सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया है।
यह होगी पात्रता
नीति में निम्न आय वर्ग (एलआईजी) और निम्न मध्यम आय वर्ग (एलएमआईजी) के लिए भी सरकार ने सस्ते आवास बनाने का निर्णय लिया है। एलआईजी के लाभार्थी के लिए वार्षिक आय पांच से नौ लाख रुपये और एलएमआईजी के लिए वार्षिक आय नौ से 12 लाख रुपये होनी चाहिए।
निवेशक परियोजनाओं के लिए अलग पैकेज
ईडब्ल्यूएस लाभार्थियों के आवास का दाम नौ लाख रुपये, एलआईजी के लिए दाम 15 लाख और एलएमआईजी वर्ग के लिए दाम 24 लाख रुपये होंगे। ईडब्ल्यूएस आवास की बुकिंग 1000 रुपये, एलआईजी की बुकिंग 2000 रुपये और एलएमआईजी की बुकिंग 5000 रुपये में की जा सकेगी। पर्वतीय क्षेत्रों में 350 करोड़ और मैदानी क्षेत्रों में 700 करोड़ से अधिक निवेश वाली परियोजनाओं के लिए सरकार अलग से पैकेज लाएगी। उन पर इस आवास नीति में शामिल होने की बाध्यता नहीं होगी। कैबिनेट ने आवास योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी भी डेढ़ लाख से बढ़ाकर दो लाख करने पर मुहर लगाई। बाखली शैली में आवास बनाने वालों को छूटपहाड़ी क्षेत्रों में आवासीय योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए पहली बार आवास नीति में बाखली शैली के आवास बनाने वालों को छूट का प्रावधान किया गया है। सरकार ने इसके लिए अलग-अलग वर्ग की अलग छूट के प्रावधान किए हैं।