ग्रीष्मकालीन राजधानी को लेकर फिर गरमाई सियासत, कांग्रेस और बीजेपी में मचा घमासान..
उत्तराखंड: एक तरफ प्रदेश में केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान हो गया है। सभी केदारनाथ विधानसभा सीट के उपचुनाव के परिणामों की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को लेकर एक बार फिर सियासत गर्मा गई है। पक्ष-विपक्ष में एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी बीते 8 दिनों में दो बार गैरसैंण जा चुके हैं। जिसमें एक बार सीएम केदारनाथ चुनाव प्रचार के बीच गैरसैंण पहुंचे और भू-कानून और पलायन को लेकर महत्वपूर्ण बैठक की। दूसरी बार सीएम प्रचार खत्म होते ही फिर गैरसैंण पहुंचे और वहां उन्होंने ना केवल जनता की समस्याएं सुनी बल्कि रात्रि प्रवास भी किया। इसी के साथ बिना सत्र के ऐसा करने वाले वो पहले सीएम बन गए हैं। लेकिन कांग्रेस इसे उनका राजनीतिक स्टंट बता रही है।
गैरसैंण में विकास के नाम पर नहीं हुआ कोई काम..
पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत ने सत्तापक्ष के साथ ही विपक्ष को भी कटघरे में खड़ा किया है। हरक सिंह रावत का कहना है कि चाहे सत्तापक्ष के विधायक हो या विपक्ष के सब गैरसैंण के साथ धोखा कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार गैरसैंणवासियों के साथ धोखा कर रही है। 3 से 4 दिन से ज्यादा सत्र आयोजित नहीं किया जाता है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि गैरसैंण में विकास के नाम पर कोई काम नहीं हुआ है सिर्फ बीजेपी राजनीतिक स्टंट के लिए चोचले बाजी कर रही है
हरक सिंह रावत के बयान पर भाजपा ने भी पलटवार किया है। भाजपा प्रवक्ता विपिन्न कैंथोला का कहना है कि कांग्रेस के नेता इस तरह की बयानबाजी करते रहते हैं। उत्तराखंड राज्य के निर्माण में बीजेपी ने पूरा योगदान दिया है। काग्रेस के तमाम नेता इस राज्य के स्थापना के विरूद्ध रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरक सिंह को जनता को बताना चाहिए कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने वाली सरकार बीजेपी की थी। गैरसैंण को विकसित करने के लिए भाजपा सरकार काम कर रही है और समय-समय पर सीएम पुष्कर सिंह धामी वहां जाकर समीक्षा बैठक करते है।