नैनीताल की तर्ज पर देहरादून में भी चिकित्सालयों में बनेंगे आशाघर-डोरमेट्री..

नैनीताल की तर्ज पर देहरादून में भी चिकित्सालयों में बनेंगे आशाघर-डोरमेट्री..

 

 

उत्तराखंड: देहरादून में पहली बार ग्राउंड जीरो पर कार्य करने वाले डेंगू और मलेरिया वॉरियर्स से जिलाधिकारी सविन बंसल ने संवाद किया। डीएम ने आशा वर्कर्स और पर्यावरण मित्रों की समस्याएं जानी। इस दौरान आशाओं की समस्या को देखते हुए नैनीताल जनपद की तर्ज पर देहरादून में भी प्रत्येक सरकारी अस्पतालों के खाली पड़े कमरों में आशाघर और डोरमेट्री बनाने की योजना पर कार्य करने के निर्देश दिए है। कहा कि इस कार्य में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी।

जिलाधिकारी सविन बंसल का कहना हैं कि आशाओं और फील्ड कर्मचारियों का कोई भी भुगतान लंबित ना रहे, जिसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए।वहीं डेंगू और मलेरिया की सघन मॉनिटरिंग और ग्राउंड जीरो पर कार्य कर रहे कर्मचारियों के समक्ष आने वाली चुनौतियों को जानने और उनके निस्तारण के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान जिलाधिकारी ने फील्ड कर्मचारियों को अपने दायित्वों को जिम्मेदारी और विश्वास के साथ निर्वहन करने के निर्देश दिए। साथ ही उच्च स्तरीय अधिकारियों और ऑफिस कर्मचारियों को ग्राउंड जीरो पर कार्य करने वाले कर्मचारियों की समस्या के निस्तारण के निर्देश भी दिए।

सीएमओ को निर्देशित किया कि आशा कार्मिकों के भुगतान में किसी प्रकार की देरी न हो यह सुनिश्चित कर लिया जाए, इसके लिए सुविधा और कर्मचारी बढ़ाने के भी निर्देश दिए। साथ ही सीएमओ को अस्पतालों में खाली पड़े कमरों में आशाघर और डोरमेट्री बनाने की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए।डीएम ने कहा कि फील्ड कर्मचारी सदैव फ्रंटलाईन वॉरियर्स है। समय-समय पर भूमिका बदलती है। कोरोना वॉरियर्स (आशा, पयार्वरण मित्र, नगर निगम के फील्ड कर्मचारी) आज डेंगू और मलेरिया वॉरियर्स की भूमिका में हैं।