प्रधानमंत्री आवास योजना में बिल्डरों को प्रशासनिक शुल्क में चार हजार की छूट..
उत्तराखंड: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सस्ते आवासीय मकान बनाने वाले बिल्डरों को प्रशासनिक शुल्क में चार हजार रुपये छूट दी गई। अब आवास विकास परिषद बिल्डरों से प्रति घर बनाने पर प्रशासनिक शुल्क 12 हजार रुपये की जगह आठ हजार रुपये लेगा। इसके साथ ही खाली परिसंपत्तियों के आवंटन को लेकर उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद को एक माह में जवाब देने का समय दिया गया। इसके बाद प्रदेश सरकार खाली परिसंपत्तियों का इस्तेमाल करने के लिए निर्णय लेगी। मंगलवार को विस स्थित कार्यालय में शहरी एवं आवास विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में आवास विकास परिषद और उत्तराखंड आवास एवं नगरीय विकास प्राधिकरण (उडा) की बोर्ड बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बिल्डर 2015-16 से सस्ते आवासीय मकान तैयार कर रहे हैं। जिसमें उन्हें छह लाख में जमीन खरीदने के साथ घर बनाकर देना है। वर्तमान में निर्माण सामग्री के रेट में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन बिल्डर पुराने रेट पर योजना के आवासीय भवनों का निर्माण कर रहे हैं। आवास विकास परिषद की ओर से बिल्डरों से प्रति घर के हिसाब से 12 हजार रुपये प्रशासनिक शुल्क लिया जाता है।
बिल्डर सर्किल रेट पर जमीन खरीदेंगे..
सरकार ने इसमें चार हजार रुपये की छूट बिल्डरों को राहत दी है। आवास आवंटन समितियों के पुनर्गठन का भी निर्णय लिया गया। मंत्री ने परिषद के माध्यम से नई टाउनशिप विकसित करने के लिए प्रक्रिया का सरलीकरण बनाने के निर्देश दिए। शहरों के संकुचन को रोकने के लिए बाहरी क्षेत्रों में आवासीय सुविधा विकसित करने के लिए भू-उपयोग परिवर्तन के चार प्रकरणों को मंजूरी दी गई।
नई टाउनशिप और आवासीय कालोनी के लिए बिल्डर सर्किल रेट पर जमीन खरीदेंगे। लैंड पुलिंग नीति के तहत जमीन के उपयोग की छूट मिलेगी। नई टाउनशिप के नक्शा पास करने के लिए यदि बिल्डर के पास धन उपलब्ध नहीं है, तो वे जमीन को मार्डगेज कर निर्माण कर सकता है। बाद में फ्लैट बिक्री से प्राप्त आय से नक्शा स्वीकृति की राशि जमा कर जमीन को फ्री होल्ड कर सकता है। बैठक में सचिव आवास एसएन पांडे, सचिव एमडीडीए मोहन सिंह बर्निया, अपर आयुक्त आवास विकास पीसी दुम्का समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
खाली परिसंपत्ति पर यूपी का जवाब नहीं मिला तो सरकार लेगी फैसला..
उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद से खाली परिसंपत्तियों के आवंटन के लिए लंबे समय से वार्ता चल रही है। आवंटन को लेकर उत्तराखंड आवास विकास परिषद लगातार पत्राचार कर रहा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है। निर्णय लिया गया कि खाली संपत्तियों के आवंटन पर यूपी आवास विकास परिषद को जवाब के लिए एक माह का समय दिया गया। इसके बाद संपत्तियों के इस्तेमाल पर सरकार निर्णय लेगी।
लाभार्थियों के सत्यापन का सरलीकरण..
योजना के तहत आवास आवंटन में तेजी लाने को लाभार्थियों के सत्यापन का सरलीकरण किया गया। वर्तमान में छह सदस्यीय टीम सत्यापन करती है। अब दो सदस्यीय टीम सत्यापन करेगी। लाभार्थी को बैंक से ऋण लेने की प्रक्रिया को सरल किया गया। वर्तमान में 12,800 आवास का निर्माण किया जा रहा। इसमें 6500 आवास का आवंटन किया जा चुका है। शहर के सघन क्षेत्रों में कम चौड़े मार्गों पर गेस्ट हाउस व पेट्रोल पंपों के प्रकरणों पर रोक लगाने के दो प्रस्ताव निरस्त किए गए। हरिपुरकलां में श्रद्धालुओं के लिए बनने वाले आश्रम के लिए मार्ग में छूट दी गई।