देहरादून में डीएल लेने में कब्जाया एक चाैथाई स्थान..

देहरादून में डीएल लेने में कब्जाया एक चाैथाई स्थान..

 

 

उत्तराखंड: अब राजधानी दून की महिलाएं सिर्फ घर चलाने तक सीमित नहीं रहीं। स्टेयरिंग थामने में महिलाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। महिलाएं सिर्फ स्कूटर ही नहीं चला रहीं। कार, जीप से लेकर एसयूवी और टैक्सी चलाने में भी पीछे नहीं हैं। असर यह है कि परिवहन विभाग महिलाओं को वाहन चलाने की ट्रेनिंग देने के प्रति गंभीर हुआ है। महिलाओं के लिए विशेष कैंप लगाकर निशुल्क ट्रेनिंग शुरू की गई है। पिछले दस सालों में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों में महिलाओं का आंकड़ा पुरुषों की अपेक्षा काफी कम रहता था। वर्ष 2020 से इस ट्रेंड में बदलाव आया है। पिछले चार सालों में महिलाओं ने तेजी से ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाकर सड़क पर वाहन चलाना शुरू किया है। पिछले चार साल में महिलाएं पुरुष लाइसेंस धारकों के एक चौथाई पर आ पहुंची हैं।

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाली महिलाओं में अधिकतर कामकाजी महिलाएं हैं, तो घरेलू महिलाएं भी खूब लाइसेंस बनवाकर सड़कों पर स्कूटर चला रही हैं। डीएल मिलने के बाद महिलाएं खुद की टैक्सी भी चला रही हैं। आरटीओ सुनील शर्मा का कहना हैं कि वर्ष 2020 से डीएल बनवाने के लिए महिलाओं में रुझान तेजी से बढ़ा है। इससे पहले वर्ष भर में सामान्य तौर पर अधिकतम 1000 महिलाएं लाइसेंस बनवाती थीं, लेकिन 2020 से यह आंकड़ा 1500 को पार कर रहा है। 2022 और 2023 में तो यह आंकड़ा 2000 के करीब पहुंच गया। वहीं कुल लाइसेंस बनवाने वाली महिलाओं का आंकड़ा पुरुषों के सापेक्ष एक चौथाई आ पहुंचा है।

घर बैठे बनवा रहीं लाइसेंस..
आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारही बताते हैं कि महिलाएं अपना लाइसेंस बनवाने के लिए अमूमन घर बैठे ही आवेदन कर रही हैं। अपना लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदन करने के बाद परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनवा रही हैं। ऑनलाइन आवेदन के बाद उपलब्ध तारीख और समय आवेदकों को प्रदान कर दिया जाता है। सुविधा के हिसाब से चुनाव कर ड्राइविंग टेस्ट के लिए महिलाएं उपलब्ध होती हैं। टेस्ट पास करने के बाद घर पर ड्राइविंग लाइसेंस पहुंच जाता है।

निशुल्क दिया जा रहा प्रशिक्षण..
महिलाओं को ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिलाकर व्यवसायिक वाहन चलाने के लिए तैयार करने पर भी परिवहन विभाग काम कर रहा है। विभाग चाहता है कि रोजगार के अन्य क्षेत्रों की तरह ही टैक्सी ड्राइविंग और संचालन के क्षेत्र में महिलाएं शामिल हों। इसके लिए झाझरा स्थित प्रशिक्षण केंद्र में महिलाओं को निशुल्क प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है।