शिक्षा विभाग में त्रिस्तरीय कैडर व्यवस्था का प्रस्ताव, 9512 सहायक अध्यापक बनेंगे एलटी शिक्षक..
उत्तराखंड: शिक्षा विभाग ने जूनियर हाईस्कूलों के 9512 शिक्षकों को सहायक अध्यापक (एलटी ग्रेड) में समायोजित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है। इसके लिए विभाग ने त्रिस्तरीय कैडर व्यवस्था का प्रारूप तैयार कर मंजूरी हेतु शासन को भेज दिया है। प्रस्ताव के तहत शिक्षकों को नियमानुसार पदोन्नति और समायोजन का लाभ मिल सकेगा, जिससे कैरियर ग्रोथ के साथ-साथ शैक्षणिक गुणवत्ता में भी सुधार होने की उम्मीद है। यह व्यवस्था प्राथमिक, जूनियर और माध्यमिक शिक्षा के बीच संरचित और पारदर्शी पदोन्नति प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, शासन से स्वीकृति मिलते ही 9512 शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, जिससे वर्षों से लंबित मांग को भी समाधान मिल सकेगा।
प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्रीय विद्यालयों में पीआरटी, टीजीटी और पीजीटी की व्यवस्था है। इसी तरह शिक्षा विभाग में भी त्रिस्तरीय कैडर व्यवस्था के लिए जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापकों के 11555 पदों में से 2043 पदों को प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय के पद पर समायोजित किए जाने एवं अन्य 9512 पदों को टीजीटी (सहायक अध्यापक एलटी) में समायोजित किए जाने का प्रस्ताव है। इसके लिए शिक्षकों से विकल्प लिए जाएंगे। इस व्यवस्था के तहत शिक्षकों से विकल्प मांगे जाएंगे, ताकि वे अपनी योग्यता और अनुभव के अनुसार उपयुक्त कैडर का चयन कर सकें। शिक्षा विभाग का मानना है कि यह कदम न केवल पदोन्नति और सेवा सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि विद्यालयी शिक्षा व्यवस्था में अकादमिक गुणवत्ता को भी सुदृढ़ करेगा।
वहीं, जूनियर हाईस्कूल प्रधानाध्यापकों से विकल्प प्राप्त कर उन्हें पीजीटी माध्यमिक विद्यालय या वरिष्ठ अध्यापक या वरिष्ठ प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालयों में समायोजित किया जाएगा। भविष्य में इन पदों पर कोई नियुक्ति, पदोन्नति नहीं होगी। प्रस्ताव के मुताबिक जूनियर हाईस्कूल में प्रधानाध्यापक के 1998 पदों में से 955 पदों को प्राथमिक विद्यालयों में वरिष्ठ प्रधानाध्यापक एवं अन्य 1043 पदों को पीजीटी (प्रवक्ता) में समायोजित किया जाएगा। वहीं, प्राथमिक विद्यालयों में विकासखंड मुख्यालयों, संकुल मुख्यालय, आदर्श प्राथमिक विद्यालय में वरिष्ठ प्रधानाध्यापकों की तैनाती की जाएगी। शिक्षा विभाग में त्रिस्तरीय कैडर व्यवस्था को लागू किया जाना है। शिक्षा निदेशालय ने यह प्रस्ताव तैयार कर शासन को स्वीकृति हेतु भेज दिया है। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि इस नई व्यवस्था से शिक्षकों की पदोन्नति, समायोजन और जिम्मेदारी स्पष्ट होगी, जिससे शिक्षा तंत्र में व्यावसायिक संतुलन और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकेगी।