प्रदेश में 25 हजार ग्राम पंचायत सदस्य हो सकते हैं निर्विरोध निर्वाचित, 13-14 नवंबर को होगा नामांकन..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायतों के 33139 खाली पदों पर होने वाले उपचुनाव में इस बार बड़ी संख्या में निर्विरोध निर्वाचन देखने को मिल सकता है। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार इन पदों में से अधिकतर ग्राम पंचायत सदस्य पद हैं, जिन पर ग्रामीणों के बीच पहले से ही सहमति बनने के कारण मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अनुमान है कि करीब 25 हजार से अधिक पदों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुने जा सकते हैं। बता दे कि प्रदेश में पहले ही ग्राम प्रधान के पदों पर चुनाव हो चुके हैं। अब मुख्य रूप से ग्राम पंचायत सदस्य पदों के लिए चुनाव प्रक्रिया जारी है। लेकिन इन पदों पर ग्रामीणों की रुचि कम दिखाई दे रही है।
यही वजह है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद भी 4843 ग्राम पंचायतों का गठन अब तक नहीं हो पाया है। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार ग्राम पंचायतों में दो-तिहाई सदस्यों के निर्वाचित न होने के कारण गठन की प्रक्रिया अटकी हुई है। अधिकारियों का मानना है कि पंचायत स्तर पर विकास कार्यों में भागीदारी बढ़ाने के लिए लोगों को आगे आकर जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है। ग्रामीणों की उदासीनता के कारण कई पंचायतों में स्थानीय प्रशासन को विकास कार्यों में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब आयोग उम्मीद कर रहा है कि आगामी उपचुनाव प्रक्रिया से न सिर्फ खाली पद भरेंगे बल्कि पंचायत व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
अब जबकि 22 ग्राम पंचायतों को छोड़कर अन्य में ग्राम प्रधान चुने जा चुके हैं। ग्राम प्रधानों की सहमति से ग्राम पंचायत सदस्य निर्विरोध चुने जा सकता है। चुनाव में ग्राम प्रधान अपने समर्थकों का निर्विरोध निर्वाचन करा सकते हैं। ग्राम पंचायतों में कोरम पूरा न होने से देहरादून में 117, पौड़ी गढ़वाल में 819, उत्तरकाशी में 303, अल्मोड़ा में 925, पिथौरागढ़ में 378, चमोली में 448, नैनीताल में 330, ऊधमसिंह नगर में 98, टिहरी गढ़वाल में 680, बागेश्वर में 272, चंपावत में 265 और रुद्रप्रयाग जिले में 208 ग्राम पंचायतों का गठन नहीं हो पाया है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति नामांकन पत्र जमा होने के बाद ही साफ होगी। नामांकन पत्र 13 और 14 नवंबर को जमा होने हैं।
